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कुमार गौरव: एक सितारे की कहानी जो चमकते-चमकते फीकी पड़ गई

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कुमार गौरव का सफर

मुंबई, 10 जुलाई। फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा नाम है जिसने चकाचौंध के बीच अपनी पहचान बनाई, लेकिन समय के साथ उनकी चमक कम होती गई। कुमार गौरव ने 1981 में 'लव स्टोरी' के साथ बॉलीवुड में कदम रखा।


11 जुलाई को 67वां जन्मदिन मनाने वाले कुमार गौरव की कहानी संघर्ष, सफलता और असफलता से भरी हुई है। एक समय में लाखों दिलों की धड़कन रहे इस अभिनेता की जिंदगी अब सिल्वर स्क्रीन से दूर है, लेकिन उनकी यात्रा आज भी प्रेरणा देती है।


1980 के दशक में जब रोमांटिक फिल्मों का दौर था, तब राहुल रवैल की 'लव स्टोरी' ने युवाओं में हलचल मचा दी। इस फिल्म में कुमार गौरव और विजयता पंडित की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। गौरव ने अपने आकर्षक लुक और बेहतरीन अभिनय से सबको प्रभावित किया। उनके पिता, राजेंद्र कुमार, भी एक प्रसिद्ध अभिनेता और निर्माता थे।


गौरव की 'लव स्टोरी' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता हासिल की और वह रातोंरात स्टार बन गए। उनकी सादगी और स्क्रीन पर सहजता ने उन्हें उस समय के सबसे पसंदीदा सितारों में से एक बना दिया। 'लव स्टोरी' की सफलता के बाद, कुमार गौरव को कई फिल्मों के प्रस्ताव मिले। उनकी अगली फिल्म 'तेरी कसम' (1982) में भी उनकी एक्टिंग की सराहना हुई, हालांकि यह फिल्म 'लव स्टोरी' की तरह सफल नहीं हो पाई। इसके बाद उन्होंने 'लवर्स', 'फूल' और 'नाम' जैसी फिल्मों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विशेष रूप से 'नाम' (1986) में उनके किरदार को दर्शकों और समीक्षकों ने सराहा। इस फिल्म में संजय दत्त जैसे सितारों के साथ काम करके उन्होंने साबित किया कि वह केवल एक स्टार किड नहीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली अभिनेता भी हैं।


कुमार गौरव की लोकप्रियता 'लव स्टोरी' के बाद अपने चरम पर थी। वह उस समय के सबसे अधिक मांग वाले अभिनेताओं में से एक बन गए। लेकिन, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके अहंकार के कारण उन्होंने छोटी एक्ट्रेसेज के साथ काम करने से मना कर दिया, जिससे उनकी फिल्मों की संख्या में कमी आई। कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं और उनका स्टारडम धीरे-धीरे कम होने लगा।


1993 में, उनके पिता राजेंद्र कुमार ने उनके करियर को पुनर्जीवित करने के लिए फिल्म 'फूल' का निर्माण किया, जिसमें गौरव लीड रोल में थे। लेकिन यह फिल्म भी दर्शकों को आकर्षित करने में असफल रही। इसके बाद, गौरव ने फिल्म इंडस्ट्री से एक लंबा ब्रेक लिया। 1996 में, वह 'मुट्ठी भर जमीन' और 'सौतेला भाई' में नजर आए, लेकिन ये फिल्में भी खास प्रभाव नहीं छोड़ पाईं। उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म 'कांटे' (2002) थी, जिसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन और संजय दत्त जैसे सितारों के साथ काम किया।


अब, गौरव ने एक्टिंग की ग्लैमरस दुनिया को छोड़कर अपने परिवार के साथ एक साधारण जीवन जीना शुरू कर दिया है।


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